उम्मीद से ज्यादा उम्मीद की थी , जिंदगी से मैने, पर नसीब से ज्यादा और वक्त से पहले किसे मिला है, ख़ाक में मिल गए , जो ख्वाब जागती आंखों से देखे, फिर भी मेरी बेकस सी जिंदगी से मुझे नही कोई गिला है, हर अरमान बिक गया मेरा , अरमानों के बाज़ार को, ईमान के संग जीने का , शायद यही एक सिला है, बदलता हर लम्हा दे रहा है , गवाही मेरे संघर्षों की, मगर बदलाव ये मुझे , मेरी जिंदगी में कहां मिला है, ख्वाब टूटे उम्मीद टूटी , और टूट गए अरमान सभी, मैं हूं और तन्हाई है, और दूर तक दर्द का सिलसिला है।। - पूनम आत्रेय ©poonam atrey #love_shayari #दर्द_और_मैं #अरमान_अधूरे #पूनमकीकलमसे #नोजोटों_हिंदी खामोशी और दस्तक