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नित हँसना मैंने फूलों से सीखा, अटल अडिग विश्वास मै

नित हँसना मैंने फूलों से सीखा,
अटल अडिग विश्वास मैंने पर्वत से सीखा,
झुकाना और समर्पण भाव द्रुम से सीखा,
बढ़ते जाना ना तुम रुकना मैंने जीवन के संघर्ष से सीखा। यह प्रतियोगिता संख्या -30  है
आप सभी कवि- कवयित्री का स्वागत है।
💐💐
 
🎧 चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

नया नियम:- आपके रचना post करने के बाद
                 आप जाँच पड़ताल कमेटी के किसी एक
नित हँसना मैंने फूलों से सीखा,
अटल अडिग विश्वास मैंने पर्वत से सीखा,
झुकाना और समर्पण भाव द्रुम से सीखा,
बढ़ते जाना ना तुम रुकना मैंने जीवन के संघर्ष से सीखा। यह प्रतियोगिता संख्या -30  है
आप सभी कवि- कवयित्री का स्वागत है।
💐💐
 
🎧 चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

नया नियम:- आपके रचना post करने के बाद
                 आप जाँच पड़ताल कमेटी के किसी एक

यह प्रतियोगिता संख्या -30 है आप सभी कवि- कवयित्री का स्वागत है। 💐💐 🎧 चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें नया नियम:- आपके रचना post करने के बाद आप जाँच पड़ताल कमेटी के किसी एक #YourQuoteAndMine #yqhindi #CollabChallenge #anandkumarmanish #sahityakaksh #mainsikhaसाहित्यकक्ष