यह स्पष्ट है कि इस वर्ष भी भारत के लिए तमाम भारी चुनौतियां कायम रहने वाली है कुछ पर अतीत की छाया भी दिखेगी जैसा कि दशकों से चला आ रहा है पाकिस्तान प्रयोजन आतंकवाद दूसरी चुनौती नहीं थी उससे उपजे की को भी तुम्हारी का निश्चित चक्कर भी अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर परेशान का सबब बनेगा ऐसे में एक जटिल बाहरी परिस्थितियों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए भारत को सतर्क रहना कूटनीतिक निपुण देखना और सामाजिक स्तर पर शांति स्थापित करने की आवश्यकता होगी निसंदेह देश के समक्ष भारत सबसे बड़ी चुनौती चीन की है हालांकि ऐसा कारण से जनता के मन में पाकिस्तान का खतरा ज्यादा बढ़ रहा है वहीं भारत के साथ सीमा पर चीन का रुख कड़ा बन रहा है लेकिन पिछली सदी के आखिरी दशक में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएचसी पर शांति बनाए रखने को लेकर उनसे सहमति जताई गई है 2013 में सिंह सिंह के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन के समग्र नीति बदल गई है और उनमें भारत नीति भी शामिल है पिछले कुछ महीने के दौरान एलएसी पर चुनावी आक्रमण यानी दर्शाती है कि वह पुराने समझौते पर टिके रहने का इच्छुक नहीं एलएसी पर कुछ क्षेत्रों में जरूरी टकराव घटा है किंतु चीन 2020 से पहले वाली स्थिति की ओर नहीं लौटा है भारत इस पर नजर बनाए हुए हैं ©Ek villain # भारी मोर्चे पर चुनौतियों का अंबर #fog