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White किश्तों में तो अपनी गुजर गई जिंदगी भीड़ में

White किश्तों  में तो अपनी गुजर गई जिंदगी
भीड़ में रहकर भीड़ से डर गई जिंदगी।

चलते  कदम  को  रूकने न हमने दिया
मंजिलों की तलाश में सँवर गई जिंदगी ।

कभी खुशी से कभी गम से भींगती रही
नकामियों  से  मगर  सिहर गई  जिंदगी ।

कौन अपना है कौन पराया इस जहाँ में 
अपनो की तलाश में  ठहर  गई  जिंदगी।

प्यार की हल्की सी सिहरन पाकर सुमन
मन  ही  मन कितना  लहर  गई  जिंदगी ।

---मनीषा सहाय सुमन

©manisha suman #Thinking #यूँही गुजर गई जिंदगी
White किश्तों  में तो अपनी गुजर गई जिंदगी
भीड़ में रहकर भीड़ से डर गई जिंदगी।

चलते  कदम  को  रूकने न हमने दिया
मंजिलों की तलाश में सँवर गई जिंदगी ।

कभी खुशी से कभी गम से भींगती रही
नकामियों  से  मगर  सिहर गई  जिंदगी ।

कौन अपना है कौन पराया इस जहाँ में 
अपनो की तलाश में  ठहर  गई  जिंदगी।

प्यार की हल्की सी सिहरन पाकर सुमन
मन  ही  मन कितना  लहर  गई  जिंदगी ।

---मनीषा सहाय सुमन

©manisha suman #Thinking #यूँही गुजर गई जिंदगी