जुल्म ही जुल्म को आंच देता है जुल्मो की हर हदो को पार कर देता है हैवानियत का मंजर, देखते नहीं बनता rapist, जहाँ हर हदो को चीर देता है कानून सच मे अंधा है,अंधा ही रहेगा जलती, घुटती अबलाओ को कब इन्साफ मिलेगा,एक नहीं यहाँ कितने केस लटके है, फाँसी का फंदा भी कब तक इन दरिंदो का इंतजार करेगा जुल्मो की हद