सत्ता के लिए सबकों नंगा करा देंगे क़भी भी कही भी दंगा करा देंगे सत्ता गईं जो हाथ से इनकी तो ख़ुद ही संसद में संविधान जला देंगे इनकी बातें नफरत के गोलें हैं बदन पर भलें नुसरत के चोलें हैं जो करतें नहीं कल्याण किसी का जो सुनतें नहीं आवाज़ किसी का बस लुटनें को हसरत इनकी हैं औ अकड़ने की फ़ितरत इनकी हैं क़भी हुए नहीं हैं , ये तो किसी का भला किए ना करेंगे किसी का इनसे बच कर तुम रहना बावरें मुल्क को तुम ना कुतरना बावरें तुझमें इच्छा शक्ति इतनी हैं कि जब चाहों सत्ता से उतारना बावरें । ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #WashingtonDC