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यह लहरें भी गाती हैं। मिलने मुझसे हर रोज किनारे पर

यह लहरें भी गाती हैं।
मिलने मुझसे हर रोज किनारे पर आ जाती हैं
कल-कल,छल-छल का शोर मचाती हैं
मधुर सी इस ध्वनि से मुझे हर रोज बुलाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं।
न जाने क्या मिल गया हैं इनको,
जो शोर मेरे जैसा मचाती हैं
बुलाती हैं खेलने को मुझे और संग अपने,
शशि को भी नभ से धरातल पर उतार लाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं।
करती हैं अटखेलियाँ किनारों पर न जाने कितनी
उमंगे दिल में भर जाती हैं,चचंल सी किरणें भी
पड़ कर इनपे अपने अस्तिव को पाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं।
जिंदगी में अपनी हर पल मुस्कुराके आगे
 बड़ते जाना हमें सीखाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं। #lehre..
यह लहरें भी गाती हैं।
मिलने मुझसे हर रोज किनारे पर आ जाती हैं
कल-कल,छल-छल का शोर मचाती हैं
मधुर सी इस ध्वनि से मुझे हर रोज बुलाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं।
न जाने क्या मिल गया हैं इनको,
जो शोर मेरे जैसा मचाती हैं
बुलाती हैं खेलने को मुझे और संग अपने,
शशि को भी नभ से धरातल पर उतार लाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं।
करती हैं अटखेलियाँ किनारों पर न जाने कितनी
उमंगे दिल में भर जाती हैं,चचंल सी किरणें भी
पड़ कर इनपे अपने अस्तिव को पाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं।
जिंदगी में अपनी हर पल मुस्कुराके आगे
 बड़ते जाना हमें सीखाती हैं
यह लहरें भी गाती हैं। #lehre..