#Pehlealfaaz दिन बीत जाती है अकेले घुट के चारपाई पर, तुम्हे देखूँ अपने छत से सुबह शाम ओ प्रिये ! मैं मन्नत करूँगा खुदा से तुम सजदा कर लेना, तुम दिवाली बनना मैं बनूँगा रमजान ओ प्रिये !! तुम रोज सवेरे अल्लाह से दुआ करोगी जब, मैं तुमको मांगूंगा ईश्वर से वरदान ओ प्रिये ! मैं रोज सवेरे शुप्रभात कह तुझे बुलाऊंगा, तुम भी धीरे से करना हमें सलाम ओ प्रिये !! मैं तेरी ईद मनाऊंगा तुम खेलोगी होली क्या, तुम मटकी फोड़ने आना मैं देखूंगा ताजिया ! जब पूछेंगे सब हम कौन है जो तुम्हे चाहते हैं, बतला देना है कोई एक अनजान ओ प्रिये !! तुम मेरी आँशु बनना मैं तेरा अश्क़ बन जाऊंगा, सुख मे तो मैं रहूंगा और मैं दुःख मे भी आऊंगा! जब बात बढ़ेगी एक दूजे के साथ निभाने की, तुम सीता बनना मैं बनूँगा रहमान ओ प्रिये !! :- संतोष 'साग़र' #esque #love #riligion #nikah बेनाम शायर Pratibha Tiwari(smile)🙂