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सफर अब खत्म होने को आया हैं अपनों को अभी मैंने ठी

सफर अब खत्म होने को आया हैं 
अपनों को अभी मैंने ठीक से कहा जाना हैं 
बाबूल की चिड़िया होने चली पराई
वो घड़ी देखो अब कितने नजदीक हैं आई
जो करता था मुझसे बात बात पर लड़ाई 
बे बात अब वो प्यार बरसाता हैं 
माँ की छुपी डाँट के पीछे प्यार मुझे अब नजर आता हैं 
उस कठोर शरीर के पीछे एक कोमल हृदय आज भी मेरी पीठ थपथपाता हैं 
सिखा जो उसका इमतहन अब देना होगा 
दो परिवार को एक साथ ले कर चलाना मुझे अब होगा। #NojotoQuote poem
#poem #life #love #girl
सफर अब खत्म होने को आया हैं 
अपनों को अभी मैंने ठीक से कहा जाना हैं 
बाबूल की चिड़िया होने चली पराई
वो घड़ी देखो अब कितने नजदीक हैं आई
जो करता था मुझसे बात बात पर लड़ाई 
बे बात अब वो प्यार बरसाता हैं 
माँ की छुपी डाँट के पीछे प्यार मुझे अब नजर आता हैं 
उस कठोर शरीर के पीछे एक कोमल हृदय आज भी मेरी पीठ थपथपाता हैं 
सिखा जो उसका इमतहन अब देना होगा 
दो परिवार को एक साथ ले कर चलाना मुझे अब होगा। #NojotoQuote poem
#poem #life #love #girl