बाज़ू पे किसके आंसू बहाया करेंगे आप कौन रूठेगा किसको मनाया करेंगे आप मुझे यकीं है बादे वफात मेरी मय्यत जलदी उठ वाया करेंगे आप कोई कफन दफन की जलदी में होगा और रोते हुऐ अहबाब को मेरे समझाया करेंगे आप क़ब्र खोदने का काम किसी साहिबे अमल को दीजिएगा क्या कभी मेरी लहद पे फातिहा भी पड़ने आया करेंगे आप वादा कीजिऐ आप मुझसे अपने पाकीज़ा तअल्लुक की कसम खाकर रोएंगे नहीं मेरी मौत पे मुस्कुराया करेंगे आप अभी मैं ज़िंदा हूं तो बात तक नहीं करते लेकिन मेरे बाद मेरे शेरों को ज़रूर गुनगुनाया करेंगे अभी ज़मीं में मेरी ग़िज़ा है जिब्रान कल मैं ज़मी की गिज़ा बनूंगा फिर कभी मेरी कब्र के निशां देख कर ठहर जाया करेंगे आप थोड़ी भी होगी गर दिल गीर मुहब्बत आपके तो थर थराते हांथो से मुझे कफनाया करेंगे आप वसीयते जिब्रान