मस्जिद से वो तिनके उठा लाती थी। वों परिंदा हर दर को सलाम कर आती थी। लगी थी कई तिनके घोसले में मजहब के घरों का। हवाओं ने उजाड़ डाली आशियाना इस परिंदे का। #nojoto #nojotolove #sad #hindipoetry #nojotoshayri #hindishayri