कहूँ! चुप रहूँ! या फिर सह जाउ! या जुटा हिम्मत मैं भी अपनी बाते कह जाउ। तौहीन किसी की होती है अगर;तो हो जाए, हर वक्त एक ही इंसान कब तक और क्यो मरता जाए। #enoughisenough