सिर्फ़ जिस्म का नही होता है.. ये होता है रूह का.. ज़ख्म सिर्फ़ जिस्म पर नही होता.. होता है आत्मा का.. धब्बा लगता है समाज पर...... (शेष अनुशीर्षक में पढ़े.. घृणा हो जाती है पुरूष समाज से... अपने विचार भी अवश्य लिखें) बलात्कार, सिर्फ़ जिस्म का नही होता है.. ये होता है रूह का.. ज़ख्म सिर्फ़ जिस्म में ही नही होता.. होता है आत्मा पर.. धब्बा समाज पर लगता है.. घृणा पौरुषता से होती है.. निर्लज पुरूष होता है..