दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है? आख़िर इस दर्द की दवा क्या है? हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार या इलाही ये माजरा क्या है? दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है? मैं भी मुँह में ज़ुबान रखता हूँ मैं भी मुँह में ज़ुबान रखता हूँ काश पूछो कि मुद्दा क्या है दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है? हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद जो नहीं जानते वफ़ा क्या है दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है? जान तुम पर निसार करता हूँ जान तुम पर निसार करता हूँ मैं नहीं जानता दुआ क्या है दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है? आख़िर इस दर्द की दवा क्या है? ― मिर्ज़ा ग़ालिब OPEN FOR COLLAB✨ #ATdiyabeautifulbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.