Haar raang ki banai... Na jane kahan se... Aaya ek jhoka... Sabdo ka kafaya bana gaya... दूरदर्शन की रंगोली किसे नहीं याद होगी। हर तरह भावों से सजे गीतों की रंगोली। उसी तरह कविताओं की रंगोली है जो आप बनाते हैं। लिखिये एक कविता जिस में रंगों का ज़िक्र हो। #रंगोली #rangoli #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine