चाहो तो भूला देना मुझे,है इख्तियार तुमको। तेरी बाहों में शाम कटे,है इनतजार हमको। हम ठहरे फकीर तेरी चौखट पर रोज आएँगे। तेरी यादें परेशान करती है,बेशुमार हमको। ✍️Munna Aziz फरयाद!