तुमसे मिलकर ना जाने , क्यों चांद पुराना लगता है, बिछड़े जो एक पल भी तो बिछड़े को जमाना लगता है। देख कर दुनिया की ताब़नाक चमक,हर गम सुहाना लगता है, दुनिया की भीड़ में मुझे मेरा महबूब ही सिर्फ अपना सा लगता है। ए चंचल हवाओ, मदमस्त होकर, यू ना छेड़ो आंचल को मेरे, तेरी छुअन से मुझे महबूब का आना जाना लगता है। Hola lovely wallies☕☕ Collabrate on the today's word prompt challenge with the Wallpaper Zone and write a short 2 liner or poetry , gazal anything by mentioning this word in your lines❤ ❣Winner will get a testimonial and the best attempts will be highlighted by us❣ Happy collabrating ❤☕