याद है कुछ किस्से जवानी के यारों के साथ हसने और मुस्कुराने के लेकिन कुछ किस्से कुछ कहानियां भूलने भी लगे हैं लोग इसे बुढ़ापे की निशानियां कहने लगे हैं देख बुढ़ापा आ गया है..