जरुरी है क्या हर सफ़र पे चलना सिर्फ़ एक रास्ता काफ़ी नही क्या। कभी कभी बेमौसम बरसात भी होता है हर मौसम का रंगीन होना ज़रूरी है क्या। कभी दूरियों में भी प्यार दिखाया करो हर बार मिल कर बताना ज़रूरी है क्या। कभी आंखों में आंसू होना भी सही है हर दिन मुस्कुराता जाए ये जरुरी थोडी है कुछ ख्वाबों का अधूरा रहना भी सही है हर सपनों का पूरा होना ज़रूरी है क्या फरिश्ता बन कर हज़ार ख़्वाब दिखाकर झूठे वादे करना ज़रूरी है क्या रिश्तेदारी तो सब जानते हैं, ये बताओ सबको अपना कहना जरुरी है क्या। बरसों पहले जो आइना टूटा था आज वापस जुड़ने लगे तो मुश्किल है क्या। तुमने तो मोहब्बत का अंजाम देखा है ये बताओ दोबारा इश्क़ करना सही है क्या। ©Ruhi जरूरी है क्या @hardik Mahajan