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White नादान से ख्वाबों में धैर्य की क्षमता आ गई वे

White नादान से ख्वाबों में धैर्य की क्षमता आ गई
वे वजह हंसने चहकने की बरकत सी आ गई
अच्छे ,बुरे,अपने , पराए, सम्मान, अपमान 
को समझकर भी अनदेखा करने की हिम्मत सी आ गई
न जाने क्यूं सब दूर से एक जैसा ही देखता है
लगता है सार्वभौमिकता आ गई .....
सफलता और असफलता मेरी व्यक्तिगत है
लेकिन खुशियां और सौहार्दता बांटने की परिभाषा आ गई.....
अधीर और न समझ बचपने में , आंतरिक स्थायित्व और लक्ष्य की लायकता आ गई.....
अपेक्षा रही नहीं, उपेक्षा की खामोशी आ गई.....
मंजिल का मंजर बड़ा मजेदार था , चमचम करती हल्की हवाएं बड़ी जल्दी उड़ गईं , और भारी कुछ हवाएं जीवन भर के लिए हृदय अंतरंग में छा गई....

©Srashti Jain
  जीवन संघर्ष
srashtijain7406

Srashti Jain

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जीवन संघर्ष #Poetry

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