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White जो हँसना चाहता है, उसे भी रोना सिखा देती है

White 
जो हँसना चाहता है, उसे भी रोना सिखा देती है,
यह ज़िंदगी है साहब, ज़िंदों को भी मुर्दा बना देती है।

सपने दिखाती है पल-पल, फिर उन्हें तोड़ भी जाती है,
यह ज़िंदगी है साहब, पल में अपने रंग बदल जाती है।

©Dinesh Kumar Pandey  hindi poetry on life
White 
जो हँसना चाहता है, उसे भी रोना सिखा देती है,
यह ज़िंदगी है साहब, ज़िंदों को भी मुर्दा बना देती है।

सपने दिखाती है पल-पल, फिर उन्हें तोड़ भी जाती है,
यह ज़िंदगी है साहब, पल में अपने रंग बदल जाती है।

©Dinesh Kumar Pandey  hindi poetry on life