आतंक रोक ले या फ़िर, अंजाम जान ले तू। होगी हर साज़िस तेरी, नाकाम जान ले तू। जिस कश्मीर की कहता है, क्या तेरे बाप की है बो। लाहौर तिरंगा फ़हराना, आसान जान ले तू। गीदड़ शेरों को मार गए, धोके औऱ कायरता से। हम घर में घुसकर मारेंगे, तुझको निर्भयता से। याद आएगा दूध छटी का, आज जान ले तू। एक बाप की हो औलादें, तो सीने पर बार करो। माँ का दूध अगर पिया है, तो सीने पर बार करो। अब बस तेरा होगा, संघार जान ले तू। भूल गया क्या पैंसठ, औऱ इकहत्तर का बो समर। कारगिल में तुझे उड़ाया, सेना का कैसा सा था भँवर। अब लेने आएंगे करांची, ये बात मान ले तू। #NojotoQuote आतंक रोक ले या फ़िर, अंजाम जान ले तू। होगी हर साज़िस तेरी, नाकाम जान ले तू।