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यूं बार बार सामने क्यूं आ जाते हो... हरे भरे पत्तो

यूं बार बार सामने क्यूं आ जाते हो...
हरे भरे पत्तो को सुखा क्यूं कर जाते हो...
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी पटरी पर लौट रही...
फिर क्यूं आकर पटरी बदल जाते हो...

©Vikas Dev Dubey #Dream
यूं बार बार सामने क्यूं आ जाते हो...
हरे भरे पत्तो को सुखा क्यूं कर जाते हो...
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी पटरी पर लौट रही...
फिर क्यूं आकर पटरी बदल जाते हो...

©Vikas Dev Dubey #Dream