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एक बचपन का जमाना था जिसमें खुशियों का खजाना था चाह

एक बचपन का जमाना था
जिसमें खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने की थी
पर दिल तितली का दीवाना था
खबर ना थी कुछ सुबह की
ना शाम का ठिकाना था

मां की कहानी थी
 परियों का फसाना था
बारिश में कागज की नाव थी,
हर मौसम सुहाना था
क्यूं हो गए हम इतने बड़े,
इससे अच्छा तो वो
 बचपन का जमाना था

रोने की वजह ना थी
ना हंसने का बहाना था
क्यूं हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो
 बचपन का जमाना था।

©Aman Kumar 
  #pyara#bachpan