Nojoto: Largest Storytelling Platform

बचपन ही सही था अहमियत तो थी दोस्तों की रूठने के बा

बचपन ही सही था अहमियत तो थी दोस्तों की
रूठने के बाद मनाने की आदत तो थी दोस्तों की

चार दिन क्या बढ़ गये हमारी उम्र में
चार जन्मों की दूरियां ला दी हमारे रिश्तों में

मानते है पा ली है तुमने अपनी मंजिल को
इतने मदहोश हो कि भूल गये अपने दोस्तों को

तेरी चमकती दुनिया से बहुत दूर है हम
कभी फुरसत मिले तो हमसे मिलने आ जाना तुम

दोस्त हूँ बदले में सच्ची दोस्ती ही मांगती हूँ
मन रहे तो ठीक है वरना अकेले रहना जानती हूँ

आज भी हांथों में उन्हीं कंचों को लेकर बैठती हूँ
तुम आओगे खेलने इस विश्वास में इंतज़ार करती हूँ

देख पाऊँगी तुम्हें घर गांव में इस बात को मन में रखती हूँ
इतनी ऊंचाइयों से तुम्हें गांव दिखता है इस सोच में रहती हूँ #childhoodfriend#बचपनकीयादें#hindipoem#nojotohindi#Gudiyagupta
बचपन ही सही था अहमियत तो थी दोस्तों की
रूठने के बाद मनाने की आदत तो थी दोस्तों की

चार दिन क्या बढ़ गये हमारी उम्र में
चार जन्मों की दूरियां ला दी हमारे रिश्तों में

मानते है पा ली है तुमने अपनी मंजिल को
इतने मदहोश हो कि भूल गये अपने दोस्तों को

तेरी चमकती दुनिया से बहुत दूर है हम
कभी फुरसत मिले तो हमसे मिलने आ जाना तुम

दोस्त हूँ बदले में सच्ची दोस्ती ही मांगती हूँ
मन रहे तो ठीक है वरना अकेले रहना जानती हूँ

आज भी हांथों में उन्हीं कंचों को लेकर बैठती हूँ
तुम आओगे खेलने इस विश्वास में इंतज़ार करती हूँ

देख पाऊँगी तुम्हें घर गांव में इस बात को मन में रखती हूँ
इतनी ऊंचाइयों से तुम्हें गांव दिखता है इस सोच में रहती हूँ #childhoodfriend#बचपनकीयादें#hindipoem#nojotohindi#Gudiyagupta
gudiagupta8404

Gudia Gupta

New Creator