उनकी फ़िक्र क्यों है जिन्हें लौट कर नहीं आना, भुला दो उन्हें भी जैसे गुज़रा हो ज़माना हाल अपना बता कर भी तुमको क्या मिलेगा छोड़ जाने वालों से क्या फिर से दिल जुड़ेगा निकल गए एक बार वो, उस मोड़ से आगे, अब राह तकतें नैनों को शायद ही वो दिखेगा बढ़ो आगे ज़िंदगी में, और भी कई ख़्वाब हैं इश्क़ से भी कीमती, यहाँ और भी तो ताज हैं §©®_अंजान लेखक™§ #zindagi #इश्क़