द्वेष करे मनुष्य, बदनाम इश्क़ हो गया, मैंने चाह की प्रेम की, अंतर्मन कृष्ण हो गया। प्रेम कभी भी खराब नहीं होता है, जो लोग कहते हैं ये बेकार की चीज़ है, वो लोग बिलकुल गलत है। प्रेम कृष्णा है, प्रेम सुकून है। इंसान गलत होता है, उसके द्वारा किए हुए कार्य गलत होते है, और अफसोस शर्मसार रिश्तों को कर दिया जाता है। रिश्ते सभी पवित्र हैं, बस मनुष्य की सोच और हरकतें उसे गलत बना देती है। #hindipoetry