फुर्सत मिले तो ख़ामोशी को समझ मेरी तुम कभी लेना!! पुकारता हूँ मैं नाम तुम्हारा गहराईयों से दिल की अपने!! कहना था बस कह दिया ... ~~~ स्वरचित ~~~ pukar hun