कभी कभी कितना कुछ याद रह जाता है बहारो सी मुस्कुराती जिन्दगी में पतझड़ सा कोई मौसम तरगों की लय में बहती मस्ती और सुखता चला जाना आंखों का पानी बातों में कुछ नहीं मगर नजदीकीया अपने पन का और फिर फासलो में लम्बी जनमों की तनहा तनहाई #ussmodtak