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पीड़ा में पड़ा हुआ मन, सूखा हुआ शरीर, रूखी हुई त

पीड़ा में पड़ा हुआ मन, 
सूखा हुआ शरीर, 
रूखी हुई त्वचा, 
होठों पर बेमन वाली हँसी, 
अधमरी सी होती सिसकियां, 
एकांत से भरा ये मस्तिष्क, 
सब अपनी जगह ठीक है, 
या
यूँ कहूँ सब कुछ ठीक है, 
हाँ! मैं ठीक हूँ...।।

©RiChA SiNgH SoMvAnShI #nojotofamily #mankipeeda #hindi_poetry #sahityikprem
पीड़ा में पड़ा हुआ मन, 
सूखा हुआ शरीर, 
रूखी हुई त्वचा, 
होठों पर बेमन वाली हँसी, 
अधमरी सी होती सिसकियां, 
एकांत से भरा ये मस्तिष्क, 
सब अपनी जगह ठीक है, 
या
यूँ कहूँ सब कुछ ठीक है, 
हाँ! मैं ठीक हूँ...।।

©RiChA SiNgH SoMvAnShI #nojotofamily #mankipeeda #hindi_poetry #sahityikprem