हम-सफ़र बने हम-राज़ हुए! आओ हम-दम भी हो जाएं। दिल के उलझे हैं तार सनम, इनको हम कैसे सुलझाएं। कुछ बोलो तुम तो गीत बने, साँसें सरगम सी हो जाएं। राग कोई छेड़ो हमदम! या मल्हार सी हो जाओ। भीगी भीगी सी हवा चले ! तुम ख़ुश्बू बनके बह आओ। ये प्यार तेरा ओ रे साजन, ज़ख्मों का मरहम हो जाए। तुम मेरे या मैं तेरा! एक दूजे के हम हो जाएं। हम-सफ़र बने हम-राज़ हुए! आओ हम-दम भी हो जाएं। दिल के उलझे हैं तार सनम, इनको हम कैसे सुलझाएं। कुछ बोलो तुम तो गीत बने, साँसें सरगम सी हो जाएं।