फासलों में खुशी की बात करती हो, कहती हो गम की क्या ओकात... और थोड़ी सी भी चेन नहीं मिलती, करती हो तुम सुकून कि बात... तुम्हे दूरियों में ही पसंद रहना है , और मुझे करीब जाने की तमन्ना.... तूम हर बात को लिखकर भेजती है, मुझे तो है सबकुछ तुमसे कहना..... तुम्हे डर है मेरे करीब आने की, और मुझे डर है तुमसे दूर जाने की... फासला रखी हो तुम इतनी , आसान नहीं हो रहा जीना... -Prasenjit #love__wishes #1st__part #reality__of__love__relationship