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मेरी आँखे अक्सर चाहती है छलकना मै आँसु पी जाता ह

मेरी आँखे अक्सर चाहती है छलकना 
मै आँसु  पी जाता हूँ 
दिल रोता है 
मै अंदर ही अंदर घुटता रहता हूँ
चाहता हूँ बया करु दर्द 
लेकीन कौन समझेगा मुझे सोच नशेमे डुब जाता हूँ 
बहुत शिकायते है तुम्हे मुझसे 
सच कहुँ बदलना मै भी चाहता हूँ 
लेकीन जब मै तुम्हारे पल्लु से आँखे पोछता हुँ
उठ़ जाते है सवाल मेरे पुरुषत्व पर 
कहलाता हुँ  जोरु का गुलाम

©shital sharma #walkalone #Man #HappyMensDay
मेरी आँखे अक्सर चाहती है छलकना 
मै आँसु  पी जाता हूँ 
दिल रोता है 
मै अंदर ही अंदर घुटता रहता हूँ
चाहता हूँ बया करु दर्द 
लेकीन कौन समझेगा मुझे सोच नशेमे डुब जाता हूँ 
बहुत शिकायते है तुम्हे मुझसे 
सच कहुँ बदलना मै भी चाहता हूँ 
लेकीन जब मै तुम्हारे पल्लु से आँखे पोछता हुँ
उठ़ जाते है सवाल मेरे पुरुषत्व पर 
कहलाता हुँ  जोरु का गुलाम

©shital sharma #walkalone #Man #HappyMensDay