"दिसंबर की एक रात" नहीं हर रात कहीं ना कहीं ... कोई लड़की.. अपने बीमार वृद्ध पिता , छोटे भाई या अपने परिवार का एकमात्र सहारा बनकर ... मजबूरी में निकलती है.. घुप्प अँधेरी रात में....दवा लेने के लिए..., रात में दिखे कोई लड़की.. तो घर तक उसको.. सकुशल पहुँचा देना...ओ लड़को माँ के बेटे बनकर.. इंसानियत निभा देना.. हौसला लड़की का बढ़ा देना...!! "लड़की को शिकारी नहीं संस्कारी नजरों से देखिए" लेखिका प्रतिभा द्विवेदी "मुस्कान"© सागर मध्यप्रदेश #दिसंबरकीएकरात #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे#nojotohindi #nojotoofficial #स्वरचितविचार #मेराविचार Navya sharma Lumbini Shejul Ritika suryavanshi pooja negi# anjali jain