Nojoto: Largest Storytelling Platform

gazal ( गज़ल) इस क़दर ना मिलना हमसे प्यार का प्यास

gazal ( गज़ल)

इस क़दर ना मिलना हमसे 
प्यार का प्यासा हूं मैं कब से 
निगाहों में निगाहे अगर मिली 
तो फिर मैं आगोश में ले लूंगा 

हो तुम मेरे रश्के-ऐ-कमर 
चहरे पर है तुम्हारे नूर-ऐ-नज़र
झील सी आंखे तेरी  
गुलाब से होठों का रस मैं पी लूंगा

रब की होगी रहमत
इश्क़ से मेरे दुनिया भी होगी सहमत 
कुछ वक़्त साथ तुम्हारे भी मंज़ूर होगा
उसी दौरान मैं अपना सारा जीवन जी लूंगा

बाद ये हो नही सकता 
मिलन के बाद तुम बिन रह नही सकता
किसी औऱ का होने से अच्छा 
मैं इस ज़िंदगी को ही अलविदा कह लूंगा

ऐसी सज़ा की ज़रूरत नही है हमें
उस ख़ुदा की ज़रूरत नही है हमें
मुक़म्मल हो अगर सच्ची मोहब्बत
तो मैं उसे ही अपना ख़ुदा कह लूंगा

✍

©Vishal Sharma #चक्कर #Agosh #milansinhaQuotes #mohabbat #Love 

#chai
gazal ( गज़ल)

इस क़दर ना मिलना हमसे 
प्यार का प्यासा हूं मैं कब से 
निगाहों में निगाहे अगर मिली 
तो फिर मैं आगोश में ले लूंगा 

हो तुम मेरे रश्के-ऐ-कमर 
चहरे पर है तुम्हारे नूर-ऐ-नज़र
झील सी आंखे तेरी  
गुलाब से होठों का रस मैं पी लूंगा

रब की होगी रहमत
इश्क़ से मेरे दुनिया भी होगी सहमत 
कुछ वक़्त साथ तुम्हारे भी मंज़ूर होगा
उसी दौरान मैं अपना सारा जीवन जी लूंगा

बाद ये हो नही सकता 
मिलन के बाद तुम बिन रह नही सकता
किसी औऱ का होने से अच्छा 
मैं इस ज़िंदगी को ही अलविदा कह लूंगा

ऐसी सज़ा की ज़रूरत नही है हमें
उस ख़ुदा की ज़रूरत नही है हमें
मुक़म्मल हो अगर सच्ची मोहब्बत
तो मैं उसे ही अपना ख़ुदा कह लूंगा

✍

©Vishal Sharma #चक्कर #Agosh #milansinhaQuotes #mohabbat #Love 

#chai