जीवन _अनमोल_ है हर *पल* का _मज़ा_ लो, _मौका_ जब भी मिले *दोस्तों* की _महफिल_ सज़ा लो, ये वो _मित्र_ है जो *_जीवन_* को _इत्र_ सा *महका* देगें _मुश्किल_ कितनी ही *बड़ी* क्यों न हो ये _गमों_ को दूर *भगा* देगें.!! ©Shalini Nigam #Poetry #yqdidi #yqbaba #Nojoto #Life #Love #shayri