यकायक हुआ वह सब जो हुआ आहट भी न हुई जब वो गया बड़ी हसरत थी उसकी चाहत की अनजान बन गया जब वो गया भूल भी जाऊँ तो कैसे उसको मन जो मेरा उसके साथ हो गया कहना तब आसान ही कहाँ था अनसुना वो करता ही जो गया छोड़ दे उसकी आस अब 'निर्झरा' वो पराया था गया सो गया..! 🌹 यकायक हुआ वह सब जो हुआ आहट भी न हुई जब वो गया बड़ी हसरत थी उसकी चाहत की अनजान बन गया जब वो गया भूल भी जाऊँ तो कैसे उसको मन जो मेरा उसके साथ हो गया