Nojoto: Largest Storytelling Platform

जय जय गिरिराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी॥

जय जय गिरिराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥

                                             जय गजबदन षडानन माता।
                                              जगत जननि दामिनी दुति गाता॥

देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥

                                               मोर मनोरथ जानहु नीकें।
                                            बसहु सदा उर पुर सबही के॥

कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥

                                            बिनय प्रेम बस भई भवानी।
                                        खसी माल मुरति मुसुकानि॥

सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥

                                            सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
                                                पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥

नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा!!  मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥


जय गौरी माँ..... 🙏🙏😊😊
जय जय गिरिराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥

                                             जय गजबदन षडानन माता।
                                              जगत जननि दामिनी दुति गाता॥

देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥

                                               मोर मनोरथ जानहु नीकें।
                                            बसहु सदा उर पुर सबही के॥

कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥

                                            बिनय प्रेम बस भई भवानी।
                                        खसी माल मुरति मुसुकानि॥

सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥

                                            सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
                                                पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥

नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा!!  मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥


जय गौरी माँ..... 🙏🙏😊😊
nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator