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मुझमें नदिया बन जिस तरह लहराती हो इश्क़ के स







मुझमें नदिया बन
जिस तरह लहराती हो
इश्क़ के समुंदर को
क्यों तुम्हें गहराती हो
ये आँखों का कजरा
ये होठों की लाली
ये माथे की बिंदिया से
मन  में छप जाती हो...!!!

©Vivek
  #मन में छप जाती हो
vivek7712018445095

Vivek

New Creator

#मन में छप जाती हो #कविता

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