हो सोहबत-ए-मोहब्बत कुछ इस तरह,, मानों सियाह रात में चाँद की चाँदनी फैली हो जिस तरह,, लें हम उनकी पेश़ानी का बोस़ा वो लें हमारी पेश़ानी का बोस़ा मानों दुनिया के छोर का विसाल है ज़मीं और आसमाँ की तरह,, ✍️الفاظ ے جمشید✍️(kku@) ©Jamsheed Safeer #nojoto #nojotoshayri #jamsheed_dairy #jamsheed_shayri