सैकड़ों शिकायतें रट रखी थी… उन्हें सुनाने को किताबों की तरह….. वो मुस्कुरा के ऐसे मिले… कि एक भी याद नहीं आई...😔 ©Rahul Chaurasiya #सैकड़ों #शिकायतें रट रखी थी… उन्हें सुनाने को #किताबों की तरह….. वो #मुस्कुरा के ऐसे मिले… कि एक भी याद नहीं आई...😔 #rahul chaurasiya