प्रेम की शुद्धता प्रेम की शुद्धता --------------------- जीवन में कुछ ऐसा भी होता है जिसे परिभाषाओं में बांधना असंभव है।यदि हम उसे परिभाषित करने के प्रयत्न करते हैं तो उसका अर्थ संकुचित हो जाता है और व्यापकता का ह्रास होता है।प्रेम भी जीवन का एक व्यापक विषय है।हम विषय को केवल subject के रूप में नहीं देख सकते।वह व्यवहार है।जब हम व्यवहारिक रूप में कोई गलती नहीं करते तो हमें क़सम और वादों की ज़रूरत नहीं पड़ती।यदि हमने ऐसा किया है मतलब हम सामने वाले को यक़ीन दिलाना चाहते हैं।वो यक़ीन कर भी ले तो यह निर्भर करता है कि उसे क