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Unsplash दिल से दिल मेले थें । गुलशन में भी गुल ख

Unsplash दिल से दिल मेले थें ।

गुलशन में भी गुल खिलें थें ।

प्यार इतना था हम दोनों में । 

उसकी दिल की तार मेरे दिल से जुड़ें थें । 

सुबह से शाम हो जाती ।

मेरे बाहों में आकर वो सिमट जाती ।

आजकल वो इतनी दूर है मुझसे ।

मानो जैसे बसंत में भी पतझर की ऋतु आ जाती ।

दिल से दिल मेले थें ।

गुलशन में भी गुल खिलें थें ।

प्यार इतना था हम दोनों में । 

उसकी दिल की तार मेरे दिल से जुड़ें थें । 

 ❤️❤️❤️

©Sardar Jagjeetsingh Kalra #leafbook  #Witter_Jagjeet_Singh_Kalra_From_Jaynagar_Madhubani_Bihar #shayari_status #shayari_in_hindi #love_shayari
Unsplash दिल से दिल मेले थें ।

गुलशन में भी गुल खिलें थें ।

प्यार इतना था हम दोनों में । 

उसकी दिल की तार मेरे दिल से जुड़ें थें । 

सुबह से शाम हो जाती ।

मेरे बाहों में आकर वो सिमट जाती ।

आजकल वो इतनी दूर है मुझसे ।

मानो जैसे बसंत में भी पतझर की ऋतु आ जाती ।

दिल से दिल मेले थें ।

गुलशन में भी गुल खिलें थें ।

प्यार इतना था हम दोनों में । 

उसकी दिल की तार मेरे दिल से जुड़ें थें । 

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