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अब नज़रों का क्या कसूर? जो हर वक़्त तुम्हें ही तलाशत

अब नज़रों का क्या कसूर?
जो हर वक़्त तुम्हें ही तलाशती आयी हैं।
फिर चाहे तुम मिलो न मिलो!
पर ये दिल देता हमेशा ये गवाही है।
उन पहाड़ों के चट्टानों सा मज़बूत है मेरा प्यार!
भले ही तुम साथ चलो न चलो पर धड़कन ने ये नई धुन सुनाई है।
missshalvisingh4044

Shalvi Singh

Silver Star
Growing Creator

अब नज़रों का क्या कसूर? जो हर वक़्त तुम्हें ही तलाशती आयी हैं। फिर चाहे तुम मिलो न मिलो! पर ये दिल देता हमेशा ये गवाही है। उन पहाड़ों के चट्टानों सा मज़बूत है मेरा प्यार! भले ही तुम साथ चलो न चलो पर धड़कन ने ये नई धुन सुनाई है। #Poetry #HeartfeltMessage

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