कितना कुछ है जो अधूरा रह जाता है। "कुछ अधूरी बातें। कुछ अधजगी रातें। कुछ अधूरे वादे। कुछ सुकूनभरी यादें। कुछ साथ बीते लम्हे। कुछ निभाई गई रस्में। कुछ अपना कहना। कुछ तुम्हारा सुनना। कुछ पाना,कुछ खोना। कुछ खुशियों भरे पल। कुछ मलाल भरे कल। कुछ नामुकम्मल ख्वाहिशें। कुछ नाकाम कोशिशें। कुछ सुंदर एहसास। और टूटा हुआ विश्वास।" यूं ही कितना कुछ छूट जाता है बाकी।जरा सा कुछ पाने में। ©Sanjiv Chauhan #incomplete