कुछ तो दरियादिली दिखाई होती ए-सनम-बे-रहम, जीते जी न सही तुर्बत पे तो विसाल को आई होतीं। ~हिलाल हथ'रवी . ©Hilal Hathravi #PoetInYou #Turbat #Visaal