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प्रिये दादा जी क्या बोलें, क्या लिखें हम आपके बा

प्रिये दादा जी   क्या बोलें, क्या लिखें हम आपके बारे में,
कहाँ से शुरू करें,
कहाँ खत्म करें हम आपके बारे में!
आप तो छुट्टी मनाने चले गये थे काफी साल पहले इस दुनिया से!
आप दीदी-भैया और चचेरे, फुफेरे भाई-बहनों से खुश, और परेशान रहते थे हम से!
हम उछल-कूद ही जो करते थे, उत्पाती करते हैं जैसे!
पर आप भी बहुत प्यार करते थे हमसे!
दादा जी,
आपकी हस्त लिखित एक-आत रचनाएँ थी पापा के हमारे पास!
जो पापा से बहुत साल पहले हमने रख ली है अपने पास!
क्या कमाल की लिखावट है आपकी!
और रचनाएँ तो और कमाल की हैं आपकी!
शायद आपको भी लिखने का शौक रहा होगा!
जो अब हमपे भी विरासत में आ गया होगा!
क्योंकि हमने लिखना कहाँ आता है!
ऐसा लगता है कि कोई और ही हमारे जरिये लिख जाता है!
और हमारी लिखते वक़्त छुट्टी कर जाता है!
जब हमने FACEBOOK PAGE बनाया था,
शायद तभी हमारे दिल से दिमाग मे उस पेज का नाम
'बधाई हो छुट्टी की' ही आया था!
दादा जी, छुट्टी की बहुत सारी बातें जगह-2 लिखनी हैं,अभी!
इसलिये यहाँ से छुट्टी लेते हम अभी-के-अभी!
धन्यवाद👊😇🙏
@बधाई हो छुटी की प्यारी मुक्की👊😇की🙏 #Oldpeople #BadhaiHoChuttiKi
प्रिय दादा जी,
क्या बोलें, क्या लिखें हम आपके बारे में,
कहाँ से शुरू करें, कहाँ खत्म करें हम आपके बारे में!
आप तो छुट्टी मनाने चले गये थे काफी साल पहले इस दुनिया से!
आप दीदी-भैया, और चचेरे, फुफेरे भाई-बहनों से खुश, और परेशान रहते थे हम से!
हम उछल-कूद ही जो करते थे, उत्पाती करते हैं जैसे!
पर आप भी बहुत प्यार करते थे हमसे!
प्रिये दादा जी   क्या बोलें, क्या लिखें हम आपके बारे में,
कहाँ से शुरू करें,
कहाँ खत्म करें हम आपके बारे में!
आप तो छुट्टी मनाने चले गये थे काफी साल पहले इस दुनिया से!
आप दीदी-भैया और चचेरे, फुफेरे भाई-बहनों से खुश, और परेशान रहते थे हम से!
हम उछल-कूद ही जो करते थे, उत्पाती करते हैं जैसे!
पर आप भी बहुत प्यार करते थे हमसे!
दादा जी,
आपकी हस्त लिखित एक-आत रचनाएँ थी पापा के हमारे पास!
जो पापा से बहुत साल पहले हमने रख ली है अपने पास!
क्या कमाल की लिखावट है आपकी!
और रचनाएँ तो और कमाल की हैं आपकी!
शायद आपको भी लिखने का शौक रहा होगा!
जो अब हमपे भी विरासत में आ गया होगा!
क्योंकि हमने लिखना कहाँ आता है!
ऐसा लगता है कि कोई और ही हमारे जरिये लिख जाता है!
और हमारी लिखते वक़्त छुट्टी कर जाता है!
जब हमने FACEBOOK PAGE बनाया था,
शायद तभी हमारे दिल से दिमाग मे उस पेज का नाम
'बधाई हो छुट्टी की' ही आया था!
दादा जी, छुट्टी की बहुत सारी बातें जगह-2 लिखनी हैं,अभी!
इसलिये यहाँ से छुट्टी लेते हम अभी-के-अभी!
धन्यवाद👊😇🙏
@बधाई हो छुटी की प्यारी मुक्की👊😇की🙏 #Oldpeople #BadhaiHoChuttiKi
प्रिय दादा जी,
क्या बोलें, क्या लिखें हम आपके बारे में,
कहाँ से शुरू करें, कहाँ खत्म करें हम आपके बारे में!
आप तो छुट्टी मनाने चले गये थे काफी साल पहले इस दुनिया से!
आप दीदी-भैया, और चचेरे, फुफेरे भाई-बहनों से खुश, और परेशान रहते थे हम से!
हम उछल-कूद ही जो करते थे, उत्पाती करते हैं जैसे!
पर आप भी बहुत प्यार करते थे हमसे!