मेरे जज़्बातों से इस क़दर वाक़िफ है क़लम मेरी..! मैं इश्क भी लिखना चाहूं तो इंकलाब लिखा जाता है..!! *°∆🇮🇳 शहीद ए आज़म भगत सिंह °∆* वंदे मातरम 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 इंकलाब जिंदाबाद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 #Watan se pyara koi nhi#