नीचे से ऊपर आए हैं सपने ऊंचे देख रहे हैं। मंजिल यहीं कहीं है अपनी उसी को हम देख रहे हैं।। सपने अपने आप भी देखो_और उनको साकार करो। पाओगे मंजिल तुम अपनी जैसे हम यह देख रहे हैं।। © Rajesh vyas kavi अपनी मंजिल यहीं कहीं है__ #सितारे #आसमां #के #सपने #उन्हें #पाने #के