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सूरज गर्मज़ोशी अपने सिरहाने लिए सोया है और दिन अके

सूरज गर्मज़ोशी अपने सिरहाने लिए सोया है
और दिन अकेला उस रात बिन रोज रोया है
तब भी इस दिन के दर्द का किसे फ़िकर हो
मेरा प्रेम अमर हो
इस बात से मुझे क्यूँ डर हो ? #अमर-प्रेम
#TrueLoveNeverEnds
सूरज गर्मज़ोशी अपने सिरहाने लिए सोया है
और दिन अकेला उस रात बिन रोज रोया है
तब भी इस दिन के दर्द का किसे फ़िकर हो
मेरा प्रेम अमर हो
इस बात से मुझे क्यूँ डर हो ? #अमर-प्रेम
#TrueLoveNeverEnds